एजेंसी / वाशिंगटन / अमेरिका : बाइडेन का राष्ट्रपति बनना दुनिया के हित में होगा – जेम्स सिटविरडीसअमेरिकी नेवी के पूर्व एडमिरल और नाटो एलायंस के ग्लोबल सुप्रीम कमांडर चुके हैं वे अब तक 9 किताबें लिख चुके हैं उनका कहना है कि ट्रंप का जाना और बाइडेन का आना दुनिया के लिए लाभकारी होगा, ई समाचार के रिपोर्टर रितेश शुक्ला ने उन से विशेष बातचीत की , आइए जानते हैं उसी बातचीत का विशेष एक विश्लेषण

1.ट्रंप की तुलना में बाइडेन की कार्यशैली कैसी हो सकती हैं ?
मैंने 36 साल से ज्यादा सबसे ताकतवर नौसेना में सेवाएं दी हैं और नाटो का ग्लोबल एलाइड कमांडर भी रह चुका हूं मैं अनुभव के आधार पर कह सकता हूं ट्रंप का जाना और बाइडेन का आना दुनिया के लिए लाभकारी होगा, बाइडेन की टीम बड़ी अनुभवी है इसके सदस्य एक यूनिट की तरह काम करेंगे
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह टीम अमेरिका फर्स्ट जैसे नारों से खुश होने वाली नहीं है यह टीम आगे बढ़कर दुनिया के साथ काम करने को तत्पर रहेगी ट्रंप काल नारों का काल था, जबकि अब बाइडेन का काल निर्णय, कर्म और परिणामों का होगा
2.बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से नई वैश्विक व्यवस्था पर क्या असर होगा ?
अमेरिका के नजरिए से मौजूदा वैश्विक व्यवस्था में दो धुरिया हैं,एक अमेरिका और यूरोपियन यूनियन है दूसरी ओर चीन और रूस में नजदीक या बढ़ रही हैं, इन दो धुरिया के बीच में भारत हैं मेरा मानना है कि 100-200 साल बाद अगर विश्व का इतिहास लिखा जाता है, तो उसका उल्लेखनीय विषय चीन का उदय नहीं, बल्कि भारत का उदय होगा
भविष्य भारत का है चीन का नहीं, चीन ने तानाशाही के कारण जो बढ़त हासिल की है, उसको सबसे बड़ा खतरा भी तानाशाही व्यवस्था से ही है, बाइडेन काल में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया मिलकर भारत के साथ वार्ड की व्यवस्था को इतना पुख्ता कर लेंगे कि वह चीन के वन बेल्ट वन रोड के विकल्प बने
3.शांति- सुरक्षा के लिहाज से भारत की उपयोगिता किस रूप में देखते हैं ?
भारत हिंद महासागर में सबसे बड़ी ताकत है, जिसका उसने इस्तेमाल नहीं किया है चीन की आर्थिक और सैन्य क्षेत्र में सबसे बड़ी अड़चन है, हिंद महासागर में भारत हैं वहां वह किसी भी सूरत में इस कम्युनिकेशन चैनल पर नियंत्रण नहीं कर सकता-बाइडेन का राष्ट्रपति बनना दुनिया के हित में होगा
भारतीय नौसेना शक्तिशाली है ऑस्ट्रेलिया और जापान मैरिटाइम ताकते हैं, इंडो- पेसिफिक क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने के लिए उन्हें भारत की जरूरत है, दिक्कत यह है कि भारत पाकिस्तान में इतना व्यवस्था है कि बड़े लक्ष्य पर ध्यान ही नहीं रहा
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रति बाइडेन का रूप कैसा होगा ?
ट्रंप काल में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कुछ अच्छे काम हुए, बाइडेन भी उसे आगे बढ़ाएंगे कुछ गलतियां हुई है जैसे अफगानिस्तान से अमेरिकी- नाटो की सेना को जल्दबाजी में हटाना, बाइडेन जानते हैं कि यहां से ना जरूरी है और तालिबान से बातचीत भी ट्रंप ने इस्लामिक स्टेट को खतरा बताया, जो सही है ट्रंप ने मोदी से दोस्ती कर बुद्धिमानी का परिचय दिया है

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न्यूज :- देवेंद्र कुमार टांक